हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण और प्राकृतिक इलाज
WHO – Cardiovascular Diseases Facts
परिचय
दिल का ख्याल रखें क्योंकि जिंदगी दिल से ही चलती है
आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हर इंसान भाग रहा है कोई पैसे के पीछे कोई सफलता के पीछे तो कोई अपने परिवार के लिए लेकिन इस भाग दौड़ के बीच हम सबसे जरूरी चीज अपने दिल की सेहत को नजरअंदाज कर लेते हैं दिल हमारे शरीर का इंजन है जो लगातार हमारे अंग तक खून पहुंचाता है अगर यह इंजन ही रुक जाए या इसमें ब्लॉकेज आ जाए तो पूरा शरीर प्रभावित होता है यही कारण है की हार्ट ब्लॉकेज को आज की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या कहा जाता है भारत में हर साल लाखों लोग हार्ट ब्लॉकेज या हार्ट अटैक की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं अच्छी बात यह है कि अगर समय रहते लक्षणों को पहचाना जाए और प्राकृतिक उपाय अपनाए जाएं तो इस समस्या को रोका भी जा सकता है और कई बार पूरी तरह ठीक भी किया जा सकता है
Focus Keyword
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण और प्राकृतिक इलाज (Heart Blockage Symptoms and Natural Treatment)
Heart Health, Ayurvedic Treatment for Heart, Natural Remedies for Heart Blockage, Yoga for Heart Health, Arjuna Benefits for Heart
हार्ट ब्लॉकेज क्या है
हार्ट ब्लॉकेज का मतलब होता है दिल की धमनियों में रुकावट, हमारे दिल में तीन प्रमुख कोरोनरी आर्टिरीज होती हैं जो ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय तक पहुंचाते हैं जब इन धमनियों में फैट, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और अन्य अपशिष्ट पदार्थ जमा होने लगते हैं तो धीरे-धीरे रास्ता सकरा हो जाता है इसे एथेरोसिलेरोसिस कहा जाता है जैसे किसी पाइप में गंदगी जम जाने से पानी का प्रवाह रुक जाता है वैसे ही रक्त का प्रवाह भी रुक जाता है परिणाम स्वरूप दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और सीने में दर्द सांस फूलना चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं अगर यह रुकावट पूरी तरह से ब्लॉक हो जाए तो हार्ट अटैक की स्थिति बन जाती है हार्ट ब्लॉकेज धीरे-धीरे होता है इसलिए इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण: जो शरीर पहले से बताता है
बहुत से लोग यह समझते हैं कि हार्ट ब्लॉकेज का मतलब सिर्फ हार्ट अटैक से है लेकिन ऐसा नहीं है शरीर ब्लॉकेज के संकेत पहले ही देना शुरू कर देता है बस हमें उन्हें समझना आना चाहिए ।
सबसे आम लक्षण है सीने में दर्द या दबाव, यह दर्द कभी-कभी बाए कंधे, बाजू, पीठ, गर्दन या जबड़े तक फैल जाता है कई बार यह दर्द जलन की तरह भी महसूस होता है जिसे लोग गैस समझ कर अनदेखा कर देते हैं दूसरा लक्षण है, सांस लेने में कठिनाई हल्की सी मेहनत करने पर भी सांस फूलने लगती है। थकान भी एक प्रमुख संकेत है जब धमनियों में ब्लॉकेज होता है तो दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जिससे शरीर जल्दी थक जाता है इसके अलावा ठंडा पसीना, चक्कर आना, धड़कनों का तेज होना और बेचैनी जैसी समस्याएं भी सामने आती हैं कुछ मामलों में मरीज को अचानक से बेहोशी भी आ सकती है अगर यह संकेत बार-बार दिखाई दें तो ECG या एंजियोग्राफी जैसी जांच करवाना बेहद जरूरी है।
हार्ट ब्लॉकेज के मुख्य कारण
हार्ट ब्लॉकेज किसी एक दिन में नहीं होता, यह धीरे-धीरे हमारे जीवन शैली की गलतियों का परिणाम होता है। सबसे बड़ा कारण है अनुचित खानपान आज के समय में हम फास्ट फूड, जंक फूड, और प्रोसेस्ड फूड पर बहुत निर्भर हो चुके हैं इनमें तेल, ट्रांस फैट और नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है जो धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा करने का काम करती है।
दूसरा प्रमुख कारण है धूम्रपान और शराब, निकोटीन और अल्कोहल रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ते हैं जिससे रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।
तीसरा कारण है तनाव लगातार मानसिक दबाव से हार्मोनल असंतुलन होता है और ब्लड प्रेशर बढ़ता है इसके अलावा डायबिटीज हाई कोलेस्ट्रॉल मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता भी हार्ट ब्लॉकेज के पीछे की बड़ी वजह हैं आजकल की स्टिंग लाइफस्टाइल ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है ना तो लोग बात करते हैं ना एक्सरसाइज बस स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं अगर हम इन कॉमन को समय रहते रोक लेते हैं तो दिल की उम्र कई साल बढ़ाई जा सकती है।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए प्राकृतिक और आयुर्वेदिक इलाज
आयुर्वेद के अनुसार हृदय हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील और शक्तिशाली अंग है इसका संतुलन त्रिदोषों (वात, पित्त, कफ) के संतुलन पर निर्भर करता है जब शरीर में कफ बढ़ जाता है तो वह धमनियों में जमा होकर ब्लॉकेज बनता है इसलिए आयुर्वेदिक उपचार का मुख्य उद्देश्य होता है शरीर से विषाक्त पदार्थ निकलना, पाचन सुधारना और रक्त संचार बढ़ाना।
लहसुन
लहसुन में पाया जाने वाला Allicin तत्व रक्त को पतला करता है और कोलेस्ट्रॉल कम करता है। हर सुबह खाली पेट दो कच्ची लहसुन की कलियां गर्म पानी के साथ लेने से ब्लॉकेज धीरे-धीरे खुलने लगते हैं अगर इसका स्वाद पसंद ना हो तो आप लहसुन की कैप्सूल भी ले सकते हैं।
अर्जुन की छाल
आयुर्वेद में अर्जुन को हार्ट टॉनिक कहा गया है यह धमनियों की दीवारों को मजबूत बनाता है और ब्लड फ्लो को सामान्य रखता है एक चम्मच अर्जुन की छाल को पानी में उबालकर रोजाना पीना बहुत फायदेमंद है बाजार में अर्जुन की कैप्सूल और चूर्ण भी उपलब्ध है ।
हल्दी
हल्दी में मौजूद Curcumin एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है यह धमनियों में सूजन कम करता है और रक्त प्रवाह को सुचारू रखता है रात में हल्दी वाला दूध पीना हृदय के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
नींबू और शहद
नींबू कोलेस्ट्रॉल को घोलने में मदद करता है और शहद शरीर को ऊर्जा देता है सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में आधा नींबू और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से धमनिया साफ़ रहती हैं ।
आंवला (Amla)
आंवला में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है जो ब्लड वेसल्स को लचीला बनाए रखता है हर दिनआंवला का जूस पीने से ब्लॉकेज का खतरा कम होता है।
मेथी दाना
मेथी दाना ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल दोनों को नियंत्रित करता है रात में एक चम्मच मेथी दाना भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं ।
अनार
अनार में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को काम करते हैं और धमनियों में जमा फैट को पिघलाते हैं।
योग और ध्यान: दिल की दवा बिना दवा के
योग सिर्फ शरीर को लचीला नहीं बनता बल्कि यह दिल को भी मजबूत करता है । अनुलोम - विलोम, भ्रामरी, कपालभाति, भुजंगासन, सेतुबंधासन औरशवासन जैसे आसन हृदय के लिए बेहद फायदेमंद है। योग से तनाव कम होता है, रक्तचाप सामान्य रहता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती है दिन में 20-30 मिनट योग और 10 मिनट ध्यान, हार्ट ब्लॉकेज के मरीजों के लिए प्राकृतिक उपचार के समान है अगर आप शुरुआत करना चाहते हैं तो सुबह का समय सबसे बेहतर है साथ ही "हंसी" भी हृदय के लिए बहुत अच्छी होती है इसलिए दिल की शुरुआत मुस्कान से करें।
क्या खाएं और क्या ना खाएं
हार्ट ब्लॉकेज में डाइट सबसे बड़ा रोल निभाती है अगर आप गलत चीज खाते रहेंगे तो कोई दवा या जड़ी बूटी असर नहीं करेगी।
क्या खाएं
- ताजे फल और हरी सब्जियां
- साबुत अनाज जैसे ओट्स, ब्राउन राइस
- ओमेगा 3 रिच फूड्स जैसे अलसी अखरोट मछली
- हर्बल ट्री, ग्रीन टी
- लहसुन, आंवला, अर्जुन की छाल
क्या ना खाएं
- तला हुआ प्रोसेस्ड फूड
- मक्खन, पनीर, बटर, कोल्ड ड्रिंक
- रेड मीट
- धूम्रपान, शराब
- अधिक नमक और चीनी वाले खाद्य पदार्थ
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हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए जीवन शैली में बदलाव
प्राकृतिक इलाज तभी असर दिखाता है जब हम जीवन शैली बदलें, रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक करें, स्मोकिंग छोड़े और भरपूर नींद लें, तनाव को कम करने के लिए ध्यान ध्यान (Meditation) करें और रोज सुबह गहरी सांस लें।
वजन नियंत्रित रखें क्योंकि मोटापा ब्लॉकेज की सबसे बड़ी जड़ है।
अगर आपका परिवार में किसी को हार्ट प्रॉब्लम रही है, तो साल में एक बार ECG, या LIPID PROFILE TEST जरूर कराएं।
सबसे महत्वपूर्ण अपने विचारों को सकारात्मक रखें क्योंकि खुश दिल ही स्वस्थ दिल होता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. क्या हार्ट ब्लॉकेज पूरी तरह ठीक हो सकता है।
शुरुआती अवस्था में अगर समय रहते इलाज किया जाए और प्राकृतिक उपाय अपनाए जाएं तो उसे कंट्रोल में रखा जा सकता है ।
Q2. हार्ट ब्लॉकेज की जांच कैसे की जाती है।
Ecg, echocardiography, Ct angiography जैसी जांचों से ब्लॉकेज का पता लगाया जाता है।
Q3. लहसुन या अर्जुन की छाल कितने दिन तक लेनी चाहिए।
इन्हें लंबे समय तक नियमित रूप से लिया जा सकता है लेकिन किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
अत्यधिक स्ट्रैंथ या जंपिंग एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए हल्का योग और वॉक पर्याप्त है।
निष्कर्ष
आपका दिल आपकी जिम्मेदारी है दिल सिर्फ एक अंग नहीं, यह हमारी भावनाओं और जीवन का केंद्र है। अगर हम इसका ख्याल नहीं रखेंगे तो कोई और नहीं रख सकता। हार्ट ब्लॉकेज एक ऐसी समस्या है, जो चेतावनी देकर आती है बस जरूरत है उसे समय पर समझने की,
प्राकृतिक उपाय, संतुलित आहार, योग और सकारात्मक सोच से आप अपने दिल को हमेशा जवान रख सकते हैं याद रखिए दिल की सेहत आपकी सबसे बड़ी दौलत है
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